अन्ना के आन्दोलन ने जनभावनाओं को प्रदर्शित किया था I
2011 का वर्ष अन्ना के भ्रष्टाचार के जनांदोलन के रूप में जाना जा सकता है I अन्ना के आन्दोलन में दिल्ली की जनता सक्रिय रूप से जुड़ गई थी और सम्पूर्ण भारत की जनभावनाएं अन्ना के आन्दोलन से जुड़ गई थी I इस आन्दोलन ने पूरे भारत को भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई में एक कर दिया था I इस आन्दोलन ने पूरे विश्व को प्रभावित किया था I एक तरह से आम आदमी इस आन्दोलन के माध्यम से भ्रष्टाचार- मुक्त भारत का सपना देखने में हिचक महसूस नहीं कर रहा था I लेकिन भारत के राजनीतिक दलों के विश्वासघात के कारण यह आन्दोलन अपने उद्देश को प्राप्त करने में सफल नहीं हो सका I लेकिन इस आन्दोलन के गर्भ से आम आदमी पार्टी का उदय हुआ I जिसने भारत की भ्रष्ट व्यवस्था को बदलने का लक्ष्य रखा I वर्त्तमान समय में भारत की अन्य राजनीतिक पार्टियाँ कमजोर बुनयाद में खड़ी है I इन राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं में स्वार्थ पूर्ति की भावनाएं हैं I इनके कार्यकर्ताओं में व्यवस्था परिवर्तन की समझ और व्यवस्था परिवर्तन की इच्छा शक्ति दोनों का अभाव है I
----- कुमार अभिषेक विद्यार्थी
19th अक्टूबर 2013
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