किसी देश का भविष्य उसकी राजनीतिक व्यवस्था पर निर्भर करती है। भ्रष्ट राजनीतिक व्यवस्था देश को गर्त की ओर ले जाती है। देश की जनता कितनी भी सक्षम और समर्थ हो, लेकिन भ्रष्ट व्यवस्था होने से देश को बदहाली की ओर ले जाने से उसे कोई रोक नहीं सकता है। अगर विश्व के इतिहास को देखें तो पता चलता है कि किसी देश की राजनीतिक व्यवस्था एक बार भ्रष्ट हुई तब उसे वापस पटरी में लाना अत्यंत कठिन होता है। भ्रष्ट राजनीतिक व्यवस्था विदेशी ताकतों को देश में दखल देने का मौका देती है। और जब देश एक बार गुलामी के दलदल में फॅसा तब देश को अपनी प्रभुसत्ता स्थापित करने में शताब्दियां लग जाती हैं। वर्त्तमान युग में देश की अर्थव्यवस्था देश की राजनीतिक व्यवस्था से प्रत्यक्ष जुडी रहती है। भ्रष्ट राजनीतिक व्यवस्था देश की अर्थ तंत्र को बदहाल कर देती है। अगर भारत की राजनीतिक व्यवस्था का विश्लेषण करें तब हम देखते हैं कि भारत की राजनीतिक व्यवस्था एक कमजोर बुनयाद पर खड़ी है। भारत के राजनीतिक व्यवस्था के बुनयाद को सबसे अधिक कांग्रेस पार्टी ने कमजोर किया है। स्वर्गीय जवाहरलाल नेहरू सत्रह वर्षों तक कांग्रेस के सर्वे - सर्वा थे। लेकिन जवाहरलाल नेहरू ने कांग्रेस में संगठन के मूल्यों को स्थापित करने का कभी प्रयास नहीं किया। एक तरह से महात्मा गांधी ने जिस भावनाओं के साथ कांग्रेस के संगठन की जिम्मेदारी जवाहरलाल नेहरू दी थी, जवाहरलाल नेहरू महात्मा गांधी के उन भावनाओं में खरे नहीं उतर सके, एक तरह से जवाहरलाल नेहरू ने कांग्रेस पार्टी में वंशवाद की बुनयाद रखी थीं। कांग्रेस की कमजोर संगठन व्यवस्था ने पूरे भारत की राजनीतिक पार्टियों को गलत सन्देश दिया। एक तरह कांग्रेस ने पूरे भारत की राजनीतिक पार्टियों के संस्कृति को गन्दा किया। वर्त्तमान समय में, भारत में क्षेत्रीय पार्टियों का वर्चस्व बड़ रहा है। लेकिन दुर्भाग्य से भारत की
क्षेत्रीय पार्टियों कमजोर संगठन में खड़ी है। सवाल उठता है कि जो राजनीतिक पार्टियां अपने संगठन की बुनयाद को मजबूत नहीं कर सकती है वे राजनीतिक पार्टियां भारत की राजनीतिक व्यवस्था को मजबूती कैसे प्रदान कर सकती है। जिस तरह से किसी देश की अर्थव्यवस्था
को
हम
उसके शेयर मार्केट से समझ सकते हैं। उसी तरह किसी देश के राजनीतिक पार्टियों से ढाँचे को समझ कर हम उस देश की राजनीतिक व्यवस्था के भविष्य को समझ सकते हैं। अगर भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है और भारत को विश्व की महाशक्ति बनाना है तब भारत के राजनीतिक पार्टियों के संघठन के बुनयाद को मजबूत बनाना होगा।
--- कुमार अभिषेक विद्यार्थी
30th अक्टूबर 2013
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